#लघुकथा / #नक़ाब
#लघुकथा
■ नहले पर दहला…!!
【 प्रणय प्रभात】
“एक बात तो है भाई! इस चाइनीज़ वायरस ने लोगों के चेहरों पर नक़ाब तो चढ़वा ही दिए।” यह जुमला लाला जी ने ज्ञान बघारते हुए गैस सिलेंडर ले कर आए डिलेवरी-मेन से कहा।
डिलेवरी-मेन ने अंगोछे से चेहरे पर आया पसीना पोंछा और बुदबुदाने वाले लहजे में जवाब देते हुए बोला-
“नक़ाब चढ़ने का तो पता नहीं बाऊजी! हां, कइयों के चेहरों से शराफ़त के नक़ाब उतरवा ज़रूर दिए इसने।
एक अनपढ़ मज़दूर के इस तार्किक जवाब पर लालाजी पूरी तरह से अवाक थे। सच मे…। और क्या जवाब होता इस कड़ी सच्चाई का?
●संपादक/न्यूज़&व्यूज़●
श्योपुर (मध्यप्रदेश)
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