लग जा आन गले होली में
होली – 2
पौर पौर जब पहले ही रंगा है कहाँ रंगे तोहि अब होली में…
हर एक कली अंगिया की अलग रंग, दीखत अजब रंग चोली में…
भंग को रंग चढ़ो मेरे सिर, फाग की चंग हिया हुलसावत,
रंग ले मोहि तेरे रंग में या लग जा आन गले होली में…
होली – 2
पौर पौर जब पहले ही रंगा है कहाँ रंगे तोहि अब होली में…
हर एक कली अंगिया की अलग रंग, दीखत अजब रंग चोली में…
भंग को रंग चढ़ो मेरे सिर, फाग की चंग हिया हुलसावत,
रंग ले मोहि तेरे रंग में या लग जा आन गले होली में…