लगन
कांटों की चुभन से छिल जाए चाहे नाजुक बदन।
परों को जला डाले जलती हुई शमा की अगन ।
अपने इरादों से कभी भी पीछे न हटे परवाना,
जरा देखो मुहोबत के इस शदाई की लगन।
कांटों की चुभन से छिल जाए चाहे नाजुक बदन।
परों को जला डाले जलती हुई शमा की अगन ।
अपने इरादों से कभी भी पीछे न हटे परवाना,
जरा देखो मुहोबत के इस शदाई की लगन।