Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Jan 2021 · 1 min read

किसका असर हुआ

गुल भी वही है , ख़ार वही है , आते जाते यार वही हैं
फिर इतनी आवाजाही में गुलशन वीराना क्यों लगता है ।
खुशियां बिखरी हर चेहरे पर , कितने आते जाते लोग
फिर इतने चेहरों के रहते , ये अनजाना क्यों लगता है ।
फूल खिले हैं रंग – बिरंगे और फूलों – से हंसते लोग
खुशगवार ऐसे आलम में , बाग बेगाना क्यों लगता है ।
गुलशन के हर कोने – कोने , शमां रोशन है पुरनूर
अफ़सुरदा अफ़सुरदा सा फिर ये परवाना क्यों लगता है ।
किस की नज़र लगी बाग को या किसका ये असर हुआ
कितनी मस्त बहारें थीं, अब अफ़साना क्यों लगता है ।

अशोक सोनी
भिलाई ।

2 Likes · 6 Comments · 244 Views

You may also like these posts

আমার মৃত্যু
আমার মৃত্যু
Arghyadeep Chakraborty
गर्मी की छुट्टियों का होमवर्क
गर्मी की छुट्टियों का होमवर्क
अमित
नमन करू
नमन करू
श्रीहर्ष आचार्य
3757.💐 *पूर्णिका* 💐
3757.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
मेरी हर लूट में वो तलबगार था,
मेरी हर लूट में वो तलबगार था,
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
अगर हो अंदर हौसला तो पूरा हर एक काम होता है।
अगर हो अंदर हौसला तो पूरा हर एक काम होता है।
Rj Anand Prajapati
माँ दुर्गा अष्टमी
माँ दुर्गा अष्टमी
C S Santoshi
कर्म पथ
कर्म पथ
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
I
I
Ranjeet kumar patre
पसंद तो आ गई तस्वीर, यह आपकी हमको
पसंद तो आ गई तस्वीर, यह आपकी हमको
gurudeenverma198
अधिकार जताना
अधिकार जताना
Dr fauzia Naseem shad
दुनिया बदल सकता है -
दुनिया बदल सकता है -
bharat gehlot
#गजल:-
#गजल:-
*प्रणय*
जग में सबसे प्यारा है ये,अपना हिंदुस्तान
जग में सबसे प्यारा है ये,अपना हिंदुस्तान
Dr Archana Gupta
9. पहचान
9. पहचान
Lalni Bhardwaj
हमने दीवारों को शीशे में हिलते देखा है
हमने दीवारों को शीशे में हिलते देखा है
कवि दीपक बवेजा
अब तो ख्वाबों में आना छोड़ दो
अब तो ख्वाबों में आना छोड़ दो
Jyoti Roshni
" सैल्यूट "
Dr. Kishan tandon kranti
" महक संदली "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
एक भ्रम जाल है
एक भ्रम जाल है
Atul "Krishn"
बुंदेली दोहा-अनमने
बुंदेली दोहा-अनमने
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
यहां  ला  के हम भी , मिलाए गए हैं ,
यहां ला के हम भी , मिलाए गए हैं ,
Neelofar Khan
1🌹सतत - सृजन🌹
1🌹सतत - सृजन🌹
Dr .Shweta sood 'Madhu'
Most of the time, I am the kind of person who tries her best
Most of the time, I am the kind of person who tries her best
पूर्वार्थ
बस भगवान नहीं होता,
बस भगवान नहीं होता,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मुझे तो मेरी फितरत पे नाज है
मुझे तो मेरी फितरत पे नाज है
नेताम आर सी
घर का बड़ा हूँ मैं
घर का बड़ा हूँ मैं
Kirtika Namdev
प्रीतम दोहावली
प्रीतम दोहावली
आर.एस. 'प्रीतम'
"" *आओ करें कृष्ण चेतना का विकास* ""
सुनीलानंद महंत
मुखौटे
मुखौटे
Shaily
Loading...