लक्ष्य है जो बनाया तूने, उसकी ओर बढ़े चल।
लक्ष्य है जो बनाया तूने, उसकी ओर बढ़े चल।
आशा न कर किसी और की, तू सिर्फ अकेला चल।
मन तो है घोड़ा प्रजाति, ले जाते रहता इधर उधर।
कर उस पे तू नियंत्रण, भले ही हो वो कितना भी चंचल।
कर कठोर परिश्रम नजदीक जा रहा तू लक्ष्य के हर पल।
रख विश्वास अपने इरादो पर, मंजिल जरूर मिलेगी तुझे कल।
समय है प्रतिकूल, पर हर समस्या का निकलेगा हल।
लगा दे जी जान तू, अबकी बारी जरूर होगा तू सफल।
रुकना नही, डरना नही, कितना भी मुश्किल हो डगर।
टूटेगी असफलता की दीवारे बस बना के रख तू संबल।
सूर्य की तरह रोशनी फैलाएगा, बस थोड़ा सा तू भी जल।
विजय पताका लहराएगी, गूंजेगा आसमान थम जाएगा ये थल।
लक्ष्य है जो बनाया तूने, उसकी ओर बढ़े चल।
आशा न कर किसी और की तू सिर्फ अकेला चल