लक्ष्य बड़ा है देश हित, धीरज रखिये आप। जरा जरा सी बात पर, करिये नहीं विलाप।।
लक्ष्य बड़ा है देश हित, धीरज रखिये आप
जरा जरा सी बात पर, करिये नहीं विलाप
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कहीं फाड़कर फेंकते, कहीं जलाकर नोट
काले धन की पीठ पर, पड़ी करारी चोट
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शादी ब्याह बरात का, कहीं दवा का शोर
जनमानस की आड़ ले, चीखें काले चोर
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जमा निकासी में नहीं, किंचित भी अवरोध
करने वाले कर रहे, वैर भाव वश क्रोध
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नोट बैंक को दीजिये, बिना हुये हैरान
खाते से कर दीजिये, खाते में भुगतान
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कुछ दिन का यह कष्ट है, आगे है आराम
रोग कठिन कड़वी दवा, निश्चित शुभ परिणाम
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किन्तु समर्थन चोर का, करे न कोई आज
बेईमान के पाप का, फोड़े घड़ा समाज
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राकेश दुबे “गुलशन”
12/11/2016
बरेली