लक्ष्मी बाई [एक अमर कहानी]
ये गाथा है एक नारी की
अवतार वो काली माई की
नाम है उसका लक्ष्मी बाई
झाँसी की वो रानी थी
काशी में वो पली बढी
व्याह कर वो आई झांसी को
नानी याद दिला दी थी
उसने गोरी चमड़ी वालों को।
जब गोरी चमडी वालों ने
भारत का अपमान किया
देश के ख़ातिर लडने को
उसने काली का अवतार लिया
दुश्मन भागे ऐसे जैसे
लगने वाली हो फांसी
और रण में काली ऐसे नाची
मौत फिरे प्यासी प्यासी
वो मर कर भी अमर हुई है
उनका बालिदान व्यर्थ न जाएगा
युगों तक ये झांसी मेरा
उनके नाम से जाना जाएगा
शीश नवाता है “धीरू”
ऐसी एक बालिदानी को
नानी याद दिला दी थी
जिसने गोरी चमड़ी वालों को।
✍️✍️Dheerendra Panchal (Dheeru)