लकीर के फकीर
लकीर के फकीर
कब तस्वीर बना पाते है,
जो बैठे है भाग्य के भरोसे,
कब तकदीर अपनी लिख पाते है
उठ कर सुबह,
हस्त-रेखाओं के दर्शन कर
कर्म करने वाले,
कब इतिहास बदल पाते हैं,
भ्रमित हो खुद से,
ठगने वाले,
बहुत बैठे हैं
धन की चाहत में,
संबंध कब टिकते हैं,
बदलेगा कब वक्त,
खोजबीन हर तरह से करते हैं,
रूग्ण हो सोच,
भविष्य धूमिल नजर आयेगा,
मत पूछो उपाय,
करो निरीक्षण खुद ही का,
हर पल बदलाव आयेगा,
कर्म है दाता, परिश्रम है कर्म विधाता,
वह शख्स, रण में धोखा कदे न खाता,