लकीरों में
लकीरों में लिखी अपनी सजी तकदीर देखेंगे
बँधी पल्लू सदा तेरे तभी तासीर देखेंगे
सलामत जब बनेगी साथ तेरे जिन्दगी में तब
हिफाजत से चलेंगे और तब जागीर देखेगे
जरा सा झाँक जब अपने गलेबाँ देख लेगे तो
बसी भगवान की दिल में सदा तस्वीर देखेंगे
किसी भी बात पर गर रूठ जाओगे कभी हमसे
मनाने की उसी ही वक्त हम तदबीर देखेगे
गलत को हम सहन जब कर न पायेगें कभी भी तो
सही सी तब बताने के लिए हम तहरीर देखेंगे