रो लिया करती हूँ।
हांँ सच है कभी-कभी रो लिया करती हूँ।
खुद को ढूढ़ खुद में खो लिया करती हूँ।
यूं तो ताल्लुक नहीं है कोई नींद से अब,
जागती आँखों से ही सो लिया करती हूँ।
-शशि “मंजुलाहृदय”
हांँ सच है कभी-कभी रो लिया करती हूँ।
खुद को ढूढ़ खुद में खो लिया करती हूँ।
यूं तो ताल्लुक नहीं है कोई नींद से अब,
जागती आँखों से ही सो लिया करती हूँ।
-शशि “मंजुलाहृदय”