रोज़ डे
इन्तजार इस रोज का , रहता पूरे साल
आये कब फरवरी में , और सुनाऊँ हाल
साथ सात दिन मनाऊँ , करूँ प्रेम इजहार
नये रूप में रगूँ मैं , करूँ प्रीत मनुहार
सबसे अच्छा आप्शन , होता है यह रोज
खुश हो जाये सखा तब , खूब मनाये मौज
मुख पर हो मुस्कराहट, रहे हाथ में फूल
दिन यह प्रेमी युगल तुम , नहीं मनाना भूल
कर ले कबूल आज तू , मेरा लाल गुलाब
एक बरस से देखती ,बाट तेरी जनाब