रोशन कर राहे – इंसानियत – मुक्तक
रोशन कर राहे – इंसानियत, अपने जीवन में l
पाक हो जायेगी नीयत तेरी, पाक हो जाएगा दामन तेरा ll
अपनी चाहतों, अपनी आरज़ू को खुदा की इबादत समझ l
पाक आरजू हो जायेगी तेरी, पाक हो जाएगा ज़ज्बा तेरा ll
रोशन कर राहे – इंसानियत, अपने जीवन में l
पाक हो जायेगी नीयत तेरी, पाक हो जाएगा दामन तेरा ll
अपनी चाहतों, अपनी आरज़ू को खुदा की इबादत समझ l
पाक आरजू हो जायेगी तेरी, पाक हो जाएगा ज़ज्बा तेरा ll