रोला छंद
रोला छंद
विषय – ठंड
मौसम है उद्दंड , ठंड भी बढ़ती जाती ।
शीतल लगे बयार , धूप भी छुप-छुप आती ।
जरा काल में हाथ , शीत से थर – थर काँपें ।
दूर न होती ठंड , बदन को जितना ढाँपें ।
सुशील सरना / 1-12-24
रोला छंद
विषय – ठंड
मौसम है उद्दंड , ठंड भी बढ़ती जाती ।
शीतल लगे बयार , धूप भी छुप-छुप आती ।
जरा काल में हाथ , शीत से थर – थर काँपें ।
दूर न होती ठंड , बदन को जितना ढाँपें ।
सुशील सरना / 1-12-24