रोला छंद. . .
रोला छंद. . .
मुदित नयन में दर्द , विरह के रो- रो हारे ।
कहें हृदय की बात, नयन के सागर खारे ।।
काटे कटे न रैन , वियोगिन तारे गिनती ।
मीत मिलन की नित्य , ईश से करती विनती ।।
सुशील सरना / 25-10-24
रोला छंद. . .
मुदित नयन में दर्द , विरह के रो- रो हारे ।
कहें हृदय की बात, नयन के सागर खारे ।।
काटे कटे न रैन , वियोगिन तारे गिनती ।
मीत मिलन की नित्य , ईश से करती विनती ।।
सुशील सरना / 25-10-24