Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Sep 2023 · 1 min read

*रोते बूढ़े कर रहे, यौवन के दिन याद ( कुंडलिया )*

रोते बूढ़े कर रहे, यौवन के दिन याद ( कुंडलिया )
■■■■■■■■■■
रोते बूढ़े कर रहे , यौवन के दिन याद
हुए रिटायर जिस दिवस, खाली उसके बाद
खाली उसके बाद ,कमर फिर झुकती जाती
करें हाथ कम काम ,उपेक्षा सदा सताती
कहते रवि कविराय , देह का बोझा ढोते
तकिए गीले रोज , कभी दिन ही में रोते
●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●
रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

189 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
प्रिये..!!
प्रिये..!!
पंकज परिंदा
ফুলডুংরি পাহাড় ভ্রমণ
ফুলডুংরি পাহাড় ভ্রমণ
Arghyadeep Chakraborty
भूगोल के हिसाब से दुनिया गोल हो सकती है,
भूगोल के हिसाब से दुनिया गोल हो सकती है,
P S Dhami
गहरी हो बुनियादी जिसकी
गहरी हो बुनियादी जिसकी
कवि दीपक बवेजा
#दिनांक:-19/4/2024
#दिनांक:-19/4/2024
Pratibha Pandey
शेखर सिंह
शेखर सिंह
शेखर सिंह
पहली बारिश मेरे शहर की-
पहली बारिश मेरे शहर की-
Dr Mukesh 'Aseemit'
यदि कोई व्यक्ति कोयला के खदान में घुसे एवं बिना कुछ छुए वापस
यदि कोई व्यक्ति कोयला के खदान में घुसे एवं बिना कुछ छुए वापस
Dr.Deepak Kumar
कावड़ मैं लाऊँगा- भजन -रचनाकार -अरविंद भारद्वाज
कावड़ मैं लाऊँगा- भजन -रचनाकार -अरविंद भारद्वाज
अरविंद भारद्वाज
कान्हा घनाक्षरी
कान्हा घनाक्षरी
Suryakant Dwivedi
!!! भिंड भ्रमण की झलकियां !!!
!!! भिंड भ्रमण की झलकियां !!!
जगदीश लववंशी
सन्यासी का सच तप
सन्यासी का सच तप
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
3991.💐 *पूर्णिका* 💐
3991.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
मौसम जब भी बहुत सर्द होता है
मौसम जब भी बहुत सर्द होता है
Ajay Mishra
ख्वाबों के रेल में
ख्वाबों के रेल में
Ritu Verma
ममतामयी मां
ममतामयी मां
SATPAL CHAUHAN
क्या हो, अगर कोई साथी न हो?
क्या हो, अगर कोई साथी न हो?
Vansh Agarwal
मंजिल-ए-मोहब्बत
मंजिल-ए-मोहब्बत
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
पिता
पिता
Sanjay ' शून्य'
हासिल जहाँ को करके भी
हासिल जहाँ को करके भी
Dr fauzia Naseem shad
*पत्रिका समीक्षा*
*पत्रिका समीक्षा*
Ravi Prakash
कश्मीर
कश्मीर
Rekha Drolia
" माप "
Dr. Kishan tandon kranti
सारी दुनिया में सबसे बड़ा सामूहिक स्नान है
सारी दुनिया में सबसे बड़ा सामूहिक स्नान है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
पावन मन्दिर देश का,
पावन मन्दिर देश का,
sushil sarna
जिंदगी मुस्कुराती थी कभी, दरख़्तों की निगेहबानी में, और थाम लेता था वो हाथ मेरा, हर एक परेशानी में।
जिंदगी मुस्कुराती थी कभी, दरख़्तों की निगेहबानी में, और थाम लेता था वो हाथ मेरा, हर एक परेशानी में।
Manisha Manjari
तुम कहते हो राम काल्पनिक है
तुम कहते हो राम काल्पनिक है
Harinarayan Tanha
Growth requires vulnerability.
Growth requires vulnerability.
पूर्वार्थ
प्यार के
प्यार के
हिमांशु Kulshrestha
Loading...