रोड़े मत अटकाइए ____ गजल / गीतिका
किसी के काम में रोड़े मत अटकाइए।
बेवजह उसे यहां वहां मत भटकाईए।
जो दिन रात है अपनी मंजिल की तलाश में,
आस पर उसकी रोक मत लगाइए।।
जैसे तैसे व्यवस्थाएं की है उसने आगे बढ़ने की।
अवरोध पैदा करके उसको मत सताइए।।
माना तुम संपन्न हो वह विपन्न ही सही।
उसकी विपन्नता का मखोल मत उड़ाइए।।
तुमसे नफरत नहीं उसे वह प्रेम करता है अपार।
उसके प्यार का कुछ तो दाम लगाइए।।
यह धन है साहब एक जगह नहीं टिकता।
कल का क्या भरोसा आज ही समझ जाइए।।
राजा से रंक हो गए रंक को राजा बनते देखा है।
डंक अपने अहंकार का किसी को ना गढ़ाइए।।
राजेश व्यास अनुनय