~~~ रोटी~~~
क्या है जीवन तुझ बिन
हर किसी को चाहत तेरी
तेरे लिए भटकता प्राणी
न जाने क्यूं करता बेमानी….
सब कुछ बदला दुनिया में
एक तेरा रूप न बदल सका
कितना खा लो बाहर जाकर
बस पेट तेरे से ही भरता सबका….
चाहे हो कोई अमीर या
कोई भी कितना ही गरीब
तेरी चाहत के लिए हर
दुःख सुख सहता संसार….
तेरे आगे सब चीज फीकी
कितना खा लो फास्ट फ़ूड
जो ताकत तुझ से है मिलती
जिन्दगी हो जाती ब्यूटीफुल….
गुजारिश सब से खाओ भरपूर
व्यर्थ न करो इस का प्रचुर
आज तो है तुम्हारी मुटठी में
बेकद्री करोगी तो हो जायेगी दूर….
अजीत कुमार तलवार
मेरठ