रोटी कमाने वाला….लेकिन सब मर गए….
देखो रोटी कमाने वाला,
रोटी के लिये कमाने वाला ।
रोटी पकाने वाली,
भूखे को रोटी खिलाने वाली ।
रोटी माँगने वाला,
रहता था फटेहाल वो दिलवाला । लेकिन सब मर गए…..
रोटी खाने वाले
रोटी खिलाने वाले
रोटी के लिये ठोकरें खाने वाले,
अपना-घर द्वार गंवाने वाले,
झोपड़-पट्टी में रहने वाले
दर-बदर ज़िंदगी जीने वाले । लेकिन सब मर गए…..
बस रोटी की जान बच गई
पर अफ़सोस,
कि रोटी अनाथ हो गई
मासूम सी बेसहारा हो गई,
अब रोटी के माथे पर
रोटी की कहानी लिखी है । लेकिन सब मर गए…..
पढ़े-लिखे हो तो गौर से पढ़िए,
पढ़कर कुछ विश्लेषण कीजिये
इस दुर्दांत घटना में,
किस विस्फोटक पदार्थ का
इस्तेमाल हुआ है,
किस स्तर पर कमी रह गई
उस कमी का ज़ुर्म तय कीजिये । लेक़िन सब मर गए….
फिर भी भूख अभी ज़िंदा है,
जो कपड़ों में लिपटी शर्मिंदा है
वो शांत नहीं बैठी होगी
अपना नया शिकार वो खोजेगी
कुछ क्षण के लिये वो बेसहारा है
लेकिन मिल ही जाएगा उसे गरीब, मजबूर, मज़दूर ।
लेकिन सब मर गए…….