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13 Apr 2017 · 1 min read

रोटी और ग़ज़ल

रोटी और ग़ज़ल है एक समान
खाने और पढ़ने में लगे आसान

रोटी में आटा पानी सही माप
ग़ज़ल में शब्द भाव माप समान

रोटी में आटे पानी का घोल
ग़ज़ल में शब्द भावो का मिलान

रोटी में बनता आकार उसका
ग़ज़ल में होता शेरो का बखान

रोटी जलने सिकने को तैयार
ग़ज़ल में होती शब्दो की पहचान

रोटी के लिए तरस रहा किसी का पेट
ग़ज़ल के लिए तड़प रहा किसी का कान

माँ बनाती रोटी ग़ज़ल बनाता शायर
दिल से प्यारे इनको ना करो अपमा

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