रोज हम इम्तिहां दे सकेंगे नहीं
रोज हम इम्तिहां दे सकेंगे नहीं
थक गये ये कदम अब चलेंगे नहीं
ज़िन्दगी हमसे हर बार कहती रही
दर्द ज़ख्मों का अपने सहेंगे नहीं
तोड़ दे दिल हमारा अगर आज तू
हम शिकायत भी तुझसे करेंगे नहीं
जान चाहे चली जाए बे मौत ही
बात दिल की किसी से कहेंगे नहीं
तुम न करना जुदाई की बातें कभी
अलविदा कह दिया तो मिलेंगे नहीं
पा सकेंगे नहीं अपनी मंज़िल यहाँ
वक़्त के साथ हम गर बहेंगे नहीं
चाहे कितनी भी हमको मिलें धमकियाँ
मौत से ‘अर्चना’ हम डरेंगे नहीं
03-06-2022
डॉ अर्चना गुप्ता