रोज़गार चाहिए
बहुत हुईं
बेकार की बातें!
शुरू करो
रोज़गार की बातें!!
(१)
राग दरबारी
बनीं आजकल
टीवी और
अख़बार की बातें!!
(२)
अपना गौरव
खो चुकीं अब
इस झूठी
सरकार की बातें!!
(३)
चीखों को
अनसुना करके
मैं कैसे करूं
झंकार की बातें!!
(४)
‘शेखर’ की
नज़्में तो जैसे
ज़ुल्मत में
यलगार की बातें!!
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Shekhar Chandra Mitra
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