“रोजगार और महाविद्यालय”
एक विचार ले आया एक मासूम सा एक नया चेहरा
आशा उम्मीद उमंग साथ ले आया एक नया चेहरा
विद्यालय से निकलकर महाविद्यालय में आकर
खुद को थोड़ा अ सहज भाव लिए आया एक नया चेहरा
शिक्षक मित्र और सभागृह खेल के मैदान
बीच दौड़ में सीख रहा है कुछ नया एक नया चेहरा
धीरे-धीरे बड़ा उसका विश्वास कुछ नया करने का
लिया उसने लिया एक संकल्प एक नया चेहरा
महाविद्यालय से निकाल परिवार समाज और देश
बागडोर संभालने के लिए तैयार हुआ एक नया चेहर
पिता का सहयोग करने के लिए तैयार हुआ एक नया चेहरा
निकला घर से आशीष लिए रोजगार प्राप्त के लिए एक नया चेहरा
कहीं मिली निराशा तो कहीं जागी आशा
इसी बीच में हताश हुए फिर उमंग लिए तैयार हुआ एक नया चेहरा
मिला उसे रोजगार तो उसको मिली बधाइयां
सीख चुका कुछ विचारों का मोल भाव सीख रहा है ,
जीवन के अंदर रोजगार और महाविद्यालय का महत्व एक नया चेहरा ।।
“जय कैथवास” ( पासी)
जिल:- भोपाल मध्य प्रदेश