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20 May 2023 · 1 min read

रोकोगे जो तुम…

रोकोगे जो तुम प्यार से, कुछ पल को ठहर जाऊँगी।
वरना आम मुसाफिर की तरह, मैं भी गुजर जाऊँगी।

मैं एक क्षणिक झोंका हवा का, कोई बिसात न मेरी,
ढूँढोगे अगर मुझे कभी फिर, मैं कहीं नजर न आऊँगी।

आज जो करनी बात कर लो, क्या खबर किसी को कल की,
क्या पता कल तक बिखर कर, किस गली सिमट मैं जाऊँगी।

बड़ी ही लंबी दूरियाँ हैं , मेरे – तुम्हारे बीच में,
लाख जतन करके भी इनको, पार न मैं कर पाऊँगी।

दे रही है कब से दस्तक, मौत खड़ी मेरे द्वार पर,
साथ उसके जल्दी अब, एक नए सफर पर जाऊँगी।

© सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद

Language: Hindi
3 Likes · 227 Views
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