रेलगाड़ी का खेल (बचपन)
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लम्बी टेढ़ी मेढी रेल
आओ हम मिलकर खेले खेल।
जुडकर हम सब डिब्बा बन जाएं
आज रेल का खेल खिलाएं।
मुँह से छुक छुक की आवाज
मजे करेंगे मिलकर आज।
एक दूजे का कंधा पकड़े ।
रेल के डिब्बे जैसे जकड़े।
ऐसे मिलकर बन जाए रेल
आओ मिलकर खेलें खेल।।
चलते रहने का संदेश
रेल दे रही है उपदेश ।
इक दूजे से जुड़े रहेंगे,
आगे बढेगे मजे करेंगे ।।
विन्ध्य प्रकाश मिश्र विप्र