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6 Jul 2018 · 1 min read

रेप की समस्या का समाधान –आर के रस्तोगी

रोज रोज रेप होते हुये, एक वैश्या दुखी होकर बोली
आ जाओ हवस की दरिंदो,मैंने रेप की दुकान खोली

मेरे भी एक औरत है,एक औरत का दर्द समझती हूँ
पेट की भूख के कारण, कोठो पर हर पल सजती हूँ

मैंने इन दरिंदो के लिये, यहाँ फ्री सेल लगा रक्खी है
मिटा ले अपनी हवस चौबीस घंटे दुकान खुली रक्खी है

पुलिस भी नाकाम हो चुकी है,बच्चियों को न बचा पाती है
सरे आम दरिन्दे घूमते फिरते है,उन्हें वह पकड न पाती है

हमने अब बीड़ा उठाया है,बच्चियों को रेप से अब बचाने का
हम में भी एक मानवता है,इरादा छोड़ दिया अब कमाने का

सरकार से है गुजारिश,हमारे धन्धे को कानूनी जामा पहना दे
बच्चियों का रेप बचाने के लिये, चाहे हमारे पर GST लगा दे

प्रशासन का काम हल्का होगा,बच्चिया भी रेप से बच जायेगी
इस तरह से सांप भी मर जाएगा,लाठी भी अब न टूट पायेगी

संसद कानून न बना सके,अध्यादेश तो जारी किया जा सकता है
इस तरह देश की बच्चियों को, रेप से अब बचाया जा सकता है

कभी कभी बुरी जगहों से,कुछ अच्छी बाते भी निकलती है
रस्तोगी के कूड़े ढेर से,कभी बहुमूल्य चीजे भी निकलती है

आर के रस्तोगी

Language: Hindi
225 Views
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