रूह पर लिखे अशआर
* बात रूह की अब
कर नहीं सकते ।
दिल ही जब दिल
को नहीं समझा ।।
* रूह की गहराइयों को छू लेना ।
मेरी रूह में अगर महकना हो ।।
* हर लम्हा कमी मेरी महसूस तुझे हो।
हो दर्द मुझे कोई महसूस तुझे हो ।।
रूहों से जुड़ा शायद रिश्ता है हमारा ।
जो महसूस मुझे हो वो महसूस तुझे हो ।।
* अपनी रूह को भी बे’क़रार किया ।
हमनें फिर तेरा इंतिज़ार किया ।।
* आप सांसों की जो ज़रूरत हैं ।
आप रूह में उतर गये होंगे ।।
* खुद की तस्दीक़
खुद को हो जाए ।
रूह के ज़ख़्मों को
फिर सिया जाए ।।
* रूह की गहराइयों को छू लेना ।
मेरी रूह में अगर महकना हो ।।
डाॅ फौज़िया नसीम शाद