रूह को कैसे सजाओगे। रूह को कैसे सजाओगे तुम अपने चेहरे की तरह। सीरत नहीं है मिलती यूँ बाज़ार में चीज़ों की तरह।। ✍✍ताज मोहम्मद✍✍