रूह की जुदाई
आधी रात को यमराज
दूतों साथ प्रकट हुए
दिल मेरा धड़कने लगा
जुबान लड़खड़ाने लगी।
छोड़कर जाना पड़ेगा
इस दुनिया को
यमराज के इशारे पर
रूह कांपने लगी।
जान गया था मै
मिट जायेगा वजूद मेरा
रूह की जुदाई
मुझे रूलाने लगी।
जिद बहुत थी मेरी
साथ रूह के जाने की
दस्तूर नही ये विधाता का
नम आंखों से वो मुस्कराने लगी।।
राज विग 08.09.2019