Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 May 2024 · 1 min read

रूहानी मोहब्बत

रूहानी मोहब्बत की दास्तां हैं माँ
हर इंसान की पहली मोहब्बत हैं माँ
धरा पर ईश्वर का प्रतिरूप हैं माँ
पूरे विश्व का एक ब्रह्माण्ड हैं माँ
आँखो से छलकता हुआ सागर हैं माँ
हर खुशी हर गम में बहता मीठा झरना है माँ
हम गुस्से में हो तो प्यार भरी जादू की झप्पी हैं माँ
जब वो नाराज़ हो सबसे तो प्यार भरी छपकी है माँ
माणिक्य प्रकाश सी घर आंगन का लरजता दीपक हैं माँ
परिवार के हर मनके को जोड़नेवाला धागा हैं माँ
सबकी बलाए नज़रे उतारनेवाला काला टीका हैं माँ
खुद को भूखा रख हर निवाला ख़िलानेवाली अन्नपूर्णा हैं माँ
तपती धूप में आँचल का साया हैं माँ
सूखे कण्ठ को तर करनेवाली ठंडाई हैं माँ
छाती का अमृत पिलानेवाली पवित्र गंगा हैं माँ
तीनों जहां में छाई हुई रूहानी मोहब्बत हैं माँ…
©®@शकुंतला
अयोध्या(फैज़ाबाद) न

Language: Hindi
1 Like · 70 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ఓ యువత మేలుకో..
ఓ యువత మేలుకో..
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
लोग होंगे दीवाने तेरे रूप के
लोग होंगे दीवाने तेरे रूप के
gurudeenverma198
स्तंभ बिन संविधान
स्तंभ बिन संविधान
Mahender Singh
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
You call out
You call out
Bidyadhar Mantry
मंजिल यू‌ँ ही नहीं मिल जाती,
मंजिल यू‌ँ ही नहीं मिल जाती,
Yogendra Chaturwedi
मौहब्बत अक्स है तेरा इबादत तुझको करनी है ।
मौहब्बत अक्स है तेरा इबादत तुझको करनी है ।
Phool gufran
कलम के हम सिपाही हैं, कलम बिकने नहीं देंगे,
कलम के हम सिपाही हैं, कलम बिकने नहीं देंगे,
दीपक श्रीवास्तव
4205💐 *पूर्णिका* 💐
4205💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
अलसाई सी तुम
अलसाई सी तुम
Awadhesh Singh
आज,
आज,
हिमांशु Kulshrestha
माँ शेरावली है आनेवाली
माँ शेरावली है आनेवाली
Basant Bhagawan Roy
लोग बस दिखाते है यदि वो बस करते तो एक दिन वो खुद अपने मंज़िल
लोग बस दिखाते है यदि वो बस करते तो एक दिन वो खुद अपने मंज़िल
Rj Anand Prajapati
*मौत मिलने को पड़ी है*
*मौत मिलने को पड़ी है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
ठहर गया
ठहर गया
sushil sarna
प्रेम कई रास्तों से आ सकता था ,
प्रेम कई रास्तों से आ सकता था ,
पूर्वार्थ
वीकेंड
वीकेंड
Mukesh Kumar Sonkar
*जीवन का सार यही जानो, सच्चाई जीवन में घोलो (राधेश्यामी छंद
*जीवन का सार यही जानो, सच्चाई जीवन में घोलो (राधेश्यामी छंद
Ravi Prakash
जीवनचक्र
जीवनचक्र
Sonam Puneet Dubey
कर्म की भावना बरकरार रखो,
कर्म की भावना बरकरार रखो,
Ajit Kumar "Karn"
शेर-
शेर-
*प्रणय*
जो मन से ही बेहद कमजोर होगा,
जो मन से ही बेहद कमजोर होगा,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
नदी की मुस्कान
नदी की मुस्कान
Satish Srijan
ज़िंदगी नही॔ होती
ज़िंदगी नही॔ होती
Dr fauzia Naseem shad
कहते हैं  की चाय की चुस्कियो के साथ तमाम समस्या दूर हो जाती
कहते हैं की चाय की चुस्कियो के साथ तमाम समस्या दूर हो जाती
Ashwini sharma
निर्भय दिल को चैन आ जाने दो।
निर्भय दिल को चैन आ जाने दो।
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
पेड़ और चिरैया
पेड़ और चिरैया
Saraswati Bajpai
शिक्षा मे भले ही पीछे हो भारत
शिक्षा मे भले ही पीछे हो भारत
शेखर सिंह
"विद्या"
Dr. Kishan tandon kranti
कहानी- 'भूरा'
कहानी- 'भूरा'
Pratibhasharma
Loading...