#गीत//रूहानी अपनी यारी है
तुम बिन इक पल रहना मुश्क़िल ,
दिल में तस्वीर तुम्हारी है।
हर धड़कन पर नाम तुम्हारा ,
रूहानी अपनी यारी है।।
रिश्ता है फूल बहारों-सा ,
कुदरत के सजे नज़रों-सा,
तुम होती तो हासिल सब है ,
वरना तन-मन बीमारों-सा।
संग तुम्हारे हँसना गाना ,
संग तुम्हारे हरकत हारी है।
संग तुम्हारे ज़न्नत मिलती ,
रहे रोम-रोम ख़ुमारी है।।
तुम्हीं आशना तुम्हीं साधना ,
तुम्ही हृदय के बने कामना,
जल बिन मीन रहेगी कैसे?
दिल से चाहा तुझे साजना।
आँखों में तुम साँसों में तुम ,
तुम पर ही चाहत वारी है।
जन्म जन्म हो साथ हमारा ,
रब से ये दुवा हमारी है।।
नदिया सागर में मिलती है ,
ख़ुशबू फूलों में ढ़लती है।
चाँद-चाँदनी ज़ुदा नहीं हैं ,
मिलें तबीयत तब खिलती है।
हमराही हैं साथ चलेंगे ,
रूही तहरीर करारी है।
आस्था के सजा तसव्वुर ये ,
हमने तक़दीर सँवारी है।।
तुम बिन इक पल रहना मुश्क़िल ,
दिल में तस्वीर तुम्हारी है।
हर धड़कन पर नाम तुम्हारा ,
रूहानी अपनी यारी है।।
आर.एस.’प्रीतम’