रूस्तम रूठे तो रूपमा, रूह रूठे तो कौन।
रूस्तम रूठे तो रूपमा, रूह रूठे तो कौन।
प्रियतमा बिचारी क्या करे,रहे मौन के मौन।
रहे मौन के मौन, छुपे तारे को निहारे नयन।
मानसी मनसा मनमौजी, गहरा गहन गगन।
गहरा गहन गगन, करते सभी चर-विचरन।
कृतिका क्यारी कीर्ति,कुहुके कोयल कानन।
कुहुके कोयल कानन,कुण्डल कुंचित केशवन।
पीके पप्पू प्रेम प्रसंग, प्रफुल्लित पुलकित पवन।
प्रफुल्लित पुलकित पवन,प्रज्जवल प्रकाश अनन।
मुख मुस्काता मित्र मुकेश, मौसम मंगल मगन।
मौसम मंगल मगन, मूल मान मस्तक मनभावन।
मूल मान मस्तक मनभावन, करते काज कगन।
कुसुम केसर केसरी , कर्मठ करते कर्म करन।
कर्मठ करते कर्म करन,सर्व श्रेष्ठ सफल शरन।
सचिन संयुक्त संयोजक, सबको सत सत नमन।