रूसवा है मुझसे जिंदगी
रूसवा है मुझसे जिंदगी खफा है ये जहाँ
बतला दे कोई आके अब जाएंं भला कहॉ
रूसवा है………..
वो ना मिले थी दिल को जुस्तजू जिनकी
मुस्कुराके एक बार वो नाजाने गए कहाँ
रूसवा है………..
पूछते हैं सब मुझसे क्यूँ यूँ चेहरा बेनूर है
सुना रहा है चेहरा क्यूँ ये गम की दास्ताँ
रूसवा है……….
कैसे दिखाऊँ सबकों मैं हाल ए दिल कहो
आजा ओ जाने वाले ना मिलेंगे फिर निशाँ
रूसवा है………..
तेरे बिना मेरी जिंदगी है “विनोद” कुछ नहीं
ना जमीं है कुछ मेरे लिए अब नाही आसमाँ
रूसवा है………..