रूप से कह दो की देखें दूसरों का घर,
रूप से कह दो की देखें दूसरों का घर,
में गरीबों की जवानी हूं मुझे फुर्सत नहीं है,,
वे खरीदें स्वप्न जिनकी आंख पर ‘सोना’ चढ़ा हो,
मैं अभावों की कहानी हूं मुझे फुर्सत नही है…!!
रूप से कह दो की देखें दूसरों का घर,
में गरीबों की जवानी हूं मुझे फुर्सत नहीं है,,
वे खरीदें स्वप्न जिनकी आंख पर ‘सोना’ चढ़ा हो,
मैं अभावों की कहानी हूं मुझे फुर्सत नही है…!!