रूप सलोना
शैल सुता छंद
मापनी 111 1 21 121 121 121 121 121 12
रूप सलोना
मदन मनोहर के अधरों पर प्रेम सुधा रस लोटत है।
लख -लख देव सभी नर, दानव रूप भला कर जोड़त हैं।
मन मुख सुंदर छांव सुहावन नैन अति मनभावन है।
पग- पग बोले पायल की धुन नाच नचावत जावत है।
अतुलित रूप धरा मनमोहन प्रेम पिपाश जगावत है।
अविरल धार धरी मुख मंडल प्रीतम प्रेम मनावत है।
नित -नित दर्शन मोहन के कर जागत भाग सुहागन के।
बरस रहे नित बादल सांवल जोगन प्रेम पूजारन के।
ललिता कश्यप जिला बिलासपुर हिमाचल प्रदेश