रूप चौदस
चन्द्रमुखी छवि अति ललित
भंगिम भाव,कपोल कलित
खंजन सा अंजन अनुरंजन
तिसपर चितवन तीखी चित्तभंजन
बिंदिया चंदन,विविध व्यंजन
अमिय अधर सरस रस रंजन
नासिका सुतवा मलयवासिनी
कोकिलकंठी, मृदु, सुभाषिनी
अलक घटा घनघोर घन सा
अलंकृत ग्रीवा पुष्पित उपवन सा
अपलक दरस,सम्पुष्ट कलश यौवन के
अभिरामी स्पंदन मादक उद्दीपन के
सुगठित अवयव लयमय,अल्हड़ अँगड़ाई
सुरम्य नाभ्या भंवरावृत,भव्य छटा छिटकाई
तन्य, सुनम्य,कृश कटिदेश
रम्य रुचिर अति मोहक परिवेश
प्रीत का गीत रुनझुन पायल की झंकार
रक्त-महावर,बिछुआ डंक अलंकार
लावण्य पूरित सौन्दर्य अनुपम अथोर
लक्षित कर हर्षित हृदय प्रिय मन अति विभोर
-©नवल किशोर सिंह