रूप गज़ब है
ख्वाब लिये मै आंखों मे
पहुंचा हूं उन गलियों मे
जहां नाम तेरे की चर्चा है
गलियारों और मयखानों मे ।
रूप गज़ब है यौवन मे
निकले जब तू राहों मे
कत्ल हुए हैं आशिक तेरे
दो चार नही हजारों मे ।
निगाह मिले तो पल भर मे
बस जाये तू तन मन मे
जन्नत तेरे नाम मै कर दूं
गर धड़कन बन तू धड़के दिल मे ।
जान लिये मै हाथों मे
प्यार लिये मै दामन मे
चुरा ले जाउंगा तुझको
मै चन्दा और सितारों मे ।।
राज विग