रूपमाला छन्द
रूपमाला छन्द
2122 2122 2122 21
कर रहा हूँ याद उसको, आज मैं दिन रात।
वो मुलाकातें पुरानी, प्रेम की हर बात।
रो रहा परदेश में मैं, है कहाँ अब चैन।
काटते कटती नही है, यह विरह की रैन।
याद में ही आपके दिल, में बढ़ा है पीर।
मन नही लगता हमारा, बह रहा है नीर।
सोंचता कब जा सकूँगा, मैं प्रिये के पास।
प्रेम से बातें करेंगे, है यही बस आस।
अदम्य