रूठना मत कभी,हमे मनाना नहीं आता —आर के रस्तोगी
रूठना मत कभी,हमे मनाना नही आता |
दूर नही जाना,हमे बुलाना नहीं आता ||
तुम भूल जाओ हमे,ये तुम्हारी मर्जी |
हम क्या करे,हमे भुलाना नहीं आता ||
स्वपन देखती हो सोकर,कभी जाग कर देखो |
मोहब्बत का ख़्वाब,हमे दिखाना नहो आता ||
मालूम चला,तुमने रात जाग कर काट दी |
रात में जागना मत,हमे सुलाना नहीं आता ||
सोते हुये को जगा सकते,जागो को नहीं |
जो जाग कर सोये है,उन्हें जगाना नहीं आता ||
बहल जाते है कभी कभी झूठे ख्वाब देकर |
रस्तोगी को सच्चा प्यार उसे बहलाना नहीं आता ||
आर के रस्तोगी
गुरुग्राम मो 9971006425