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28 Jan 2024 · 1 min read

रुला दे कोई..

आगोश-ए-सितम में
छुपाले कोई,
तन्हा हूँ
तड़पने से बचा ले कोई,
सूखी है
बड़ी देर से पलकों की जुबां,
बस…
आज तो जी भर के रुला दे कोई।

हिमांशु Kulshrestha

Language: Hindi
80 Views
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