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12 Apr 2020 · 1 min read

#गीत//रुत आए मन को भा जाए

गर साथ निभाना आ जाए ,
गर प्यार दिलों में छा जाए।
स्वर्ग जमीं पर ही होगा तब ,
रुत आए मन को भा जाए।।

जब मन मंदिर बन जाता है ,
तब तन निर्मल हो जाता है।
हर कोई अपना लगता है ,
मानव मोहब्बत रचता है।

जब दिल से निकलें भाव कहीं ,
तब हर बात मज़ा दे जाए।
स्वर्ग जमीं पर ही होगा तब ,
रुत आए मन को भा जाए।।

जब व्यवहार ख़रा होता है ,
तब क़िरदार ख़रा होता है।
जब धोखा मन में आता है ,
तब मन बंजर हो जाता है।

हाथ मिले हर बात मिले गर ,
संकट आए हल हो जाए।
स्वर्ग जमीं पर होगा तब ,
रुत आए मन को भा जाए।।

आशाओं की मन भौर रहे ,
रिश्तों की बंधी डोर रहे।
अपना फ़र्ज़ निभाएँ सारे ,
जैसे सूरज चाँद सितारे।

दीप प्रेम का जलता जाए ,
चारों ओर उजाला छाए।
स्वर्ग जमीं पर होगा तब ,
रुत आए मन को भा जाए।।

गर साथ निभाना आ जाए ,
गर प्यार दिलों में छा जाए।
स्वर्ग ज़मीं पर होगा तब ,
रुत आए मन को भा जाए।।

#आर.एस.प्रीतम

Language: Hindi
Tag: गीत
3 Likes · 2 Comments · 430 Views
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