रुचि पूर्ण कार्य
असल जिंदगी में हमें,तब आता आनंद।
जब करते हैं हम वही,जो होता हमें पसंद।।
कभी खत्म होती नहीं,पा लेने की दौड़।
सोच-समझ कर कीजिये, पहले खुद पर गौर।
लाभ कमाने के लिए,चुन लेते व्यवसाय।
मगर तनिक भी रुचि नहीं,कैसे आये आय।।
भाग रहें हैं किस तरफ,हमें नहीं है ज्ञात।
ऐसे अंधी दौड़ में,मिलता केवल मात।।
होता है हर व्यक्ति में,अनुभव भरें लगाव।
उन लगाव को मार कर,डालें नहीं दबाव।।
जिसमें रुचि हो आपकी,मिले अगर वो काम।
जीवन सुखमय बीतता,अच्छे आते परिणाम।।
-लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली