रुखसत
आपको रुखसत आज हम करें कैसे,
आपके दामन में खुशियां भरें कैसे।
अब तो आपके लिए हम दुआ ही कर सकेंगे,
बिन आपके न जी सकेंगे,न मर ही सकेंगे।
आपकी यादों को लेकर तड़पते रहेंगे,
भर के आँखों में आँसू दहकते रहेंगे।
बिन आपके आगे की जिन्दगी, जिएंगे कैसे।
आपको रुखसत आज हम करें कैसे,
आपके दामन मे खुशियां भरें कैसे।
✍️ जटाशंकर”जटा”