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10 Jan 2019 · 1 min read

रिस्तों को दिल से निभाना चाहिये

रिश्तों को दिल से निभाना चाहिये
अपने गर रूठें मनाना चाहिये
उगते सूरज को सभी सजदा करें
ढलते को भी सर झुकाना चाहिये
जीता जाता है दिलों को प्यार से
नफ़रतें दिल से मिटाना चाहिये
ज़िंदगी अपनीतो सब जीते मग़र
नेकियाँ भी कुछ कमाना चाहिये
राह में कांटे भी मिलते फूल भी
खुद को कांटों से बचाना चाहिये
“योगी”सुनके अनसुनी करते हैं जो
बात दिल की ना बताना चाहिये

Language: Hindi
211 Views
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