√√ रिश्तो की शुरुआत हुई (गीत)
रिश्तों की शुरुआत हुई (गीत)
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लड़का-लड़की की शादी से रिश्तों की शुरुआत हुई
(1)
शादी होकर लड़का-लड़की पति-पत्नी कहलाते
उनके माता और पिता समधी-समधन बन जाते
पत्नी के घर वाले साले सलहज साँडू साली
फूफा जीजा की पदवी शादी से सब ने पा ली
सास ससुर बहुओं दामादों की आपस में बात हुई
(2)
उसके बाद हुए जब बच्चे मौसी-मौसी आए
चाचा-चाची ताऊ-ताई कुछ रिश्ते कहलाए
पोता-पोती लिए गोद में दादा-दादी आते
नाना-नानी मामा-मामी खुशियों से भर जाते
दिन-दूनी-चौगुनी इस तरह रिश्तों की सौगात हुई
(3)
रिश्तेदारी बड़ी चीज है इसे बचा कर रखना
सदा नम्रता सूझबूझ से इसके फल को चखना
स्मरण रहे यह अहंकार से रिश्ते टूट न जाएँ
यह पौधे हैं झुक कर जल देने से छूट न पाएँ
खुशकिस्मत हैं वह जिनके घर रिश्तों की बरसात हुई
लड़का-लड़की की शादी से रिश्तों की शुरुआत हुई
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रचयिताः रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश )मोबाइल 999 7615451