रिश्तों में जान बनेगी तब, निज पहचान बनेगी। रिश्तों में जान बनेगी तब, निज पहचान बनेगी। एक दूसरे का मान करें, रब-सी शान बनेगी।। आर.एस. ‘प्रीतम’