Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Oct 2021 · 2 min read

रिश्तों को बदला नहीं जा सकता !

रिश्तों को बदला नहीं जा सकता !
###################

हरेक इंसान में अनेकानेक गुण होते हैं….
और कुछ-न-कुछ खामियाॅं भी होती हैं !
इसी में से कुछ हमारे रिश्तेदार होते हैं !
आप रिश्तेदारों से फ़ायदे तो ले लेते हैं !
पर उसकी खामियों को उजागर कर देते हैं!
ये हमेशा ही आप बिल्कुल ग़लत करते हैं !
हमें सदैव इन बातों को स्मरण में रखना है….
कि हमें इन्हीं रिश्तेदारों से काम चलाना है….
रिश्तों को हर दिन तो बदला नहीं जा सकता….

आज के युग में रिश्तों की बहुत अहमियत है !
इन रिश्तों से हम सब रोज़ लाभान्वित होते हैं !
रिश्ते तो घर-परिवार की आधारशिला होते हैं !
इसी से हम देश-दुनिया के हर कार्य सलटाते हैं !
आश्चर्य ये है कि हम क्यों नहीं इसे समझ पाते हैं!
बीच जिनके दिन-रात ही हम खुशियाॅं बाॅंटते हैं !
उन रिश्तों की क्यों हम कभी अवहेलना करते हैं?
क्यों रिश्तेदार तिरस्कार के ऑंसू पीकर रहते हैं??
क्यों नहीं इस तथ्य को सहर्ष हम स्वीकार करते हैं?
कि रिश्तों को हर दिन तो बदला नहीं जा सकता….

माना कि रिश्तेदार कुछ अवगुणों से भी लैस हैं !
पर उनमें कितने-सारे सद्गुण भी तो समाहित हैं !
क्यों नहीं एक-दूसरे का दु:ख-दर्द समझ सकते हैं?
क्यों हम हमेशा ऑंसुओं के घूंट पीकर रह जाते हैं?
क्यों हम सर्वदा ग़म के साये में ही जिया करते हैं ?
क्यों नहीं हम आपस में मिल-बैठकर बातें करते हैं?
क्यों हम रिश्तेदारों के अवगुणों को बाहर लाते हैं ?
रिश्तेदार तो जीवन में हर दिन हमारे काम आते हैं !
हम सब क्यों नहीं खुद में थोड़ा-बहुत सुधार लाते हैं?
क्यों नहीं जीवन के इस सच को हम समझ पाते हैं ?
कि इस रिश्ते के सहारे ही हम कुछ आगे बढ़ पाते हैं…
और इन रिश्तों को हर दिन तो बदला नहीं जा सकता…

स्वरचित एवं मौलिक ।
सर्वाधिकार सुरक्षित ।
अजित कुमार “कर्ण” ✍️✍️
किशनगंज ( बिहार )
दिनांक : 20 अक्टूबर, 2021.
“”””””””””””””””””””””””””””””””””
?????????

Language: Hindi
6 Likes · 2 Comments · 528 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*राम स्वयं राष्ट्र हैं*
*राम स्वयं राष्ट्र हैं*
Sanjay ' शून्य'
कमाण्डो
कमाण्डो
Dr. Kishan tandon kranti
नवंबर की ये ठंडी ठिठरती हुई रातें
नवंबर की ये ठंडी ठिठरती हुई रातें
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
जय श्रीराम हो-जय श्रीराम हो।
जय श्रीराम हो-जय श्रीराम हो।
manjula chauhan
रातों की सियाही से रंगीन नहीं कर
रातों की सियाही से रंगीन नहीं कर
Shweta Soni
दिगपाल छंद{मृदुगति छंद ),एवं दिग्वधू छंद
दिगपाल छंद{मृदुगति छंद ),एवं दिग्वधू छंद
Subhash Singhai
16. आग
16. आग
Rajeev Dutta
आपकी आत्मचेतना और आत्मविश्वास ही आपको सबसे अधिक प्रेरित करने
आपकी आत्मचेतना और आत्मविश्वास ही आपको सबसे अधिक प्रेरित करने
Neelam Sharma
एक ख्वाहिश थी
एक ख्वाहिश थी
हिमांशु Kulshrestha
इस जनम में तुम्हें भूल पाना मुमकिन नहीं होगा
इस जनम में तुम्हें भूल पाना मुमकिन नहीं होगा
शिव प्रताप लोधी
Ak raat mei  ak raaz  hai
Ak raat mei ak raaz hai
Aisha mohan
कब रात बीत जाती है
कब रात बीत जाती है
Madhuyanka Raj
हमने माना अभी
हमने माना अभी
Dr fauzia Naseem shad
टुकड़ों-टुकड़ों में बॅंटी है दोस्ती...
टुकड़ों-टुकड़ों में बॅंटी है दोस्ती...
Ajit Kumar "Karn"
बाण मां के दोहे
बाण मां के दोहे
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
3923.💐 *पूर्णिका* 💐
3923.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
जीवन को सफल बनाने का तीन सूत्र : श्रम, लगन और त्याग ।
जीवन को सफल बनाने का तीन सूत्र : श्रम, लगन और त्याग ।
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
पूछो ज़रा दिल से
पूछो ज़रा दिल से
Surinder blackpen
आओ मिलकर नया साल मनाये*
आओ मिलकर नया साल मनाये*
Naushaba Suriya
*जो मिले भाग्य से जीवन में, वरदान समझ कर स्वीकारो (राधेश्याम
*जो मिले भाग्य से जीवन में, वरदान समझ कर स्वीकारो (राधेश्याम
Ravi Prakash
अनकहा दर्द (कविता)
अनकहा दर्द (कविता)
Monika Yadav (Rachina)
मैं नहीं तो कोई और सही
मैं नहीं तो कोई और सही
Shekhar Chandra Mitra
आख़िर उन्हीं २० रुपयें की दवाई ….
आख़िर उन्हीं २० रुपयें की दवाई ….
Piyush Goel
न‌ वो बेवफ़ा, न हम बेवफ़ा-
न‌ वो बेवफ़ा, न हम बेवफ़ा-
Shreedhar
तौबा- तौबा  आजकल,
तौबा- तौबा आजकल,
sushil sarna
Lets become unstoppable... lets break all the walls of self
Lets become unstoppable... lets break all the walls of self
पूर्वार्थ
हरियाली तीज
हरियाली तीज
SATPAL CHAUHAN
वहाॅं कभी मत जाईये
वहाॅं कभी मत जाईये
Paras Nath Jha
चिल्लाने के लिए ताकत की जरूरत नहीं पड़ती,
चिल्लाने के लिए ताकत की जरूरत नहीं पड़ती,
शेखर सिंह
तुम्हारी चाहतों का दामन जो थामा है,
तुम्हारी चाहतों का दामन जो थामा है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Loading...