रिश्तों के धागे
रिश्तों के धागे कुछ
इस तरह से उलझे
ना तुम कभी
हमें समझे
ना हम कभी
तुम्हें समझे
काश ,,,,,,,,,,,
कभी खुदा करे
सब कुछ बिन
कहे
सुलझे
रिश्तों के धागे कुछ
इस तरह से उलझे
ना तुम कभी
हमें समझे
ना हम कभी
तुम्हें समझे
काश ,,,,,,,,,,,
कभी खुदा करे
सब कुछ बिन
कहे
सुलझे