Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Mar 2022 · 1 min read

रिश्तों के ताने बाने

न जाने इस मन में कितने
अनसुलझे ताने बाने है।
गांठ लगी जो रिश्तों में
वो सभी सिरे सुलझाने है।
स्नेह तन्तु जो फिर जोड़े
वो युक्ति अभी न पायी है।
कैसे गिरह खुलेगी मन की
पीड़ा मन भर आयी है ।
मैंने जीवन के तन्तु सभी
थे साथ पिरोने चाहे ।
किन्तु प्रयास रहा निष्फल
है प्रथक प्रथक सब राहें ।
बुनकर मुझको युक्ति बता
मैं पुनः सिरे सब जोड़ू ।
जीवन बसन सम सुभग बने
मिथक सभी मन के तोड़ूं ।

Language: Hindi
1 Like · 201 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Saraswati Bajpai
View all
You may also like:
धाम- धाम में ईश का,
धाम- धाम में ईश का,
sushil sarna
विचार में जीने से बेहतर हृदय में जीना चाहिए। - रविकेश झा
विचार में जीने से बेहतर हृदय में जीना चाहिए। - रविकेश झा
Ravikesh Jha
डगर जिंदगी की
डगर जिंदगी की
Monika Yadav (Rachina)
शिकारी संस्कृति के
शिकारी संस्कृति के
Sanjay ' शून्य'
बहुत ज्यादा करीब आना भी एक परेशानी का सबब है।
बहुत ज्यादा करीब आना भी एक परेशानी का सबब है।
Ashwini sharma
समाधान ढूंढने निकलो तो
समाधान ढूंढने निकलो तो
Sonam Puneet Dubey
अच्छा ही हुआ कि तुमने धोखा दे  दिया......
अच्छा ही हुआ कि तुमने धोखा दे दिया......
Rakesh Singh
"कटेंगे तो प्रसाद में बटेंगे,
*प्रणय*
मनुष्य अंत काल में जिस जिस भी भाव को स्मरण करता हुआ शरीर त्य
मनुष्य अंत काल में जिस जिस भी भाव को स्मरण करता हुआ शरीर त्य
Shashi kala vyas
शेखर सिंह
शेखर सिंह
शेखर सिंह
वर्तमान साहित्यिक कालखंड को क्या नाम दूँ.
वर्तमान साहित्यिक कालखंड को क्या नाम दूँ.
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
गंगा- सेवा के दस दिन (आठवां दिन)
गंगा- सेवा के दस दिन (आठवां दिन)
Kaushal Kishor Bhatt
कहने   वाले   कहने   से   डरते  हैं।
कहने वाले कहने से डरते हैं।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
हकीकत मोहब्बत की
हकीकत मोहब्बत की
हिमांशु Kulshrestha
कुछ तो पोशीदा दिल का हाल रहे
कुछ तो पोशीदा दिल का हाल रहे
Shweta Soni
विनती
विनती
Dr. Upasana Pandey
23/190.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/190.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
यादों की किताब पर खिताब
यादों की किताब पर खिताब
Mahender Singh
कुछ खास रिश्ते खास समय में परखे जाते है
कुछ खास रिश्ते खास समय में परखे जाते है
Ranjeet kumar patre
हमको बच्चा रहने दो।
हमको बच्चा रहने दो।
Manju Singh
" पीती गरल रही है "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
जीवन है कोई खेल नहीं
जीवन है कोई खेल नहीं
पूर्वार्थ
प्यासा के राम
प्यासा के राम
Vijay kumar Pandey
*भारत माता की महिमा को, जी-भर गाते मोदी जी (हिंदी गजल)*
*भारत माता की महिमा को, जी-भर गाते मोदी जी (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
यकीनन तुम्हारे बिना जीना किसी दर्द से कम नहीं,
यकीनन तुम्हारे बिना जीना किसी दर्द से कम नहीं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
श्रेय एवं प्रेय मार्ग
श्रेय एवं प्रेय मार्ग
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
दोहे एकादश...
दोहे एकादश...
डॉ.सीमा अग्रवाल
तितली
तितली
Dr. Pradeep Kumar Sharma
कोई इल्ज़ाम के नहीं क़ाबिल ,
कोई इल्ज़ाम के नहीं क़ाबिल ,
Dr fauzia Naseem shad
" और "
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...