रिश्तों के झूले में
घर वालों के बिना
कोई जिन्दगी नहीं पर
यह घर
घर सा भी तो नहीं
एक तरफा मोहब्बत
एक तरफा रिश्ता
निभाते निभाते
अब कोफ्त सी होने
लगी है
घर वाले भी
इस दुनिया से
अलग नहीं
इस दुनिया का ही
हिस्सा हैं
इसके क्रियाकलापों से
वंचित नहीं
सब राम धुन गाते रहते हैं पर
इनमें से कोई भी राम नहीं
सब अपने फायदे के लिए
दूसरों को अपनी तरफ
खींचते हैं
आकर्षित करते रहते हैं
झूठे प्रेम के जाल में
फंसाते रहते हैं
दूसरों के नुकसान से
इनका कोई सरोकार नहीं
बिना आंधी के
आंखों में धूल झोंकने के
हुनर का अनुभव
उम्र बढ़ने के साथ
और बढ़ता जाता है
सारी उम्र जो मासूम है
इन जालसाजियों से अंजान है
सीधा, सच्चा और ईमानदार है
वह दिल के बन्धनों में
कसता चला जाता है
रिश्तों के झूले में
झूलता रहता है
कब किसने रस्सी काट दी और
उसे जमीन पर
जोरों से
पटक लगा दी
यह उसके जीवन की त्रासदी तो देखो
उसके भरोसे का कमाल तो देखो
इसके पीछे उसकी मंशा
क्या रही होगी
वह प्यार करने वाला
भोला भाला दिल
यह किसने किया, क्यों किया
तब भी यह नहीं
जान पाता।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001