रिश्तों की गहरी जड़े
पहले तो
भरी फिर
खोखली करी
फिर अन्ततः
काट ही डाली उसने
रिश्तो की गहरी जड़े
यह बीज तो पेड़ न बनकर
पहले ही सूख जाता तो
अच्छा था
न खुद को छाया देता
न राहगीरों को
न जाने किसका पड़ा था
इसपर साया कि
यह प्यासे को पानी
भूखे को भोजन और
अपनों को भी
प्रेम की अनुभूति का
लेशमात्र स्पर्श
न देता था।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001